601 प्याज की खेती पौध का प्रतिरापण करके की जाती है।
602 आक्टोपस एक मृदुकवची (मोल्यूज) है।
603 इफेडि्रन एक औषधि है जिसका उपयोग अस्थमा रोग में होता है इसे जिम्नोस्पर्म से निकाला जाता है।
604 चावल की फसल के लिए नीलहरित शैवाल अच्छे जैव उर्वरक का कार्य करता है।
605 रेशम का किडा अपने जीवन चक्र के कोषित चरण में वाणिजियक तन्तु पैदा करता है।
606 रक्त ग्लूकोज स्तर सामान्यत: भाग प्रतिमिलियन में व्यक्त किया जाता है।
607 लम्बे समय तक कठोर शारीरिक कार्य के पश्चात मांसपेसियों में थकान अनुभव होने का कारण ग्लूकोज का अवक्षय होना है।
608 नीम के वृक्ष ने जैव उर्वरक , जैव किटनाषी एवं प्रजननरोधी यौगिक स्त्रोत के रूप में महत्व प्राप्त कर लिया है।
609 नियासीन (बी5), राइबोफ्लेविन(बी2), थायमीन(बी1) एवं पिरीडाक्सीन सभी विटामिन जल में विलेय है।
610 उदर के लगा हुआ मानव आंत का लघु ऊपरी भाग गृहणी (डयूओडिनम) कहलाता है।
611 लोहा एन्जाइम्स को सक्रिय करता है, मैगिनशियम वसा का संष्लेशण करती है, क्लोरीन प्रकाश संष्लेशण में इलेक्ट्रानो का स्थानान्तरण करती है, नाइट्रोजन प्रोटीन का संष्लेशण करती है।
612 सर्वप्रथम हार्वे ने रक्त परिसंचरण का सिध्दांत प्रतिपादित किया था उसके बाद डार्विन का विकास सिध्दांत प्रतिपादित हुआ था उसके बाद मेंण्डल का वंशागति का नियम प्रतिपादित हुआ था एवं तत्पश्चात डी ब्रीज का उत्परिवर्तन का सिध्दांत प्रतिपादित हुआ।
613 एक वयस्क मनुष्य के प्रत्येक जबडे में 16 दाँत पाये जाते है प्रत्येक जबडें मे दाँतो का विन्यास - एक कैनाइन, दो प्रीमोलर, दो इन्सीजर एवं तीन मोलर होता है।
614 डार्विन का सिद्वान्त 'आरिजिन आफ स्पीषीज' की व्याख्या का सही अनुक्रम अतिउत्पादन - विभिन्नताएें- अस्तित्व के लिए संघर्श - योग्यतम की उत्तरजीविता हैै।
615 यदि किसी द्विबीजपत्री जड को तिरछी दिशा में काटे , तो उसकी आन्तरिक संरचना में बाहर से अन्दर की ओर जो भी भाग पाये जाते है अन्दर की ओर पाये जाने वाले भाग क्रमश: इपिडर्मिस - कार्टेक्स - पेरीसाइकिल - वेस्कुल बण्डल होता है।
616 मनुष्य को विटामिन्स की जरूरत क्रमष: विटामिन के - विटामिन र्इ - विटामिन डी - विटामिन ए आरोही क्रम में होती है
617 ऊँट का औसत जीवन काल 30 वर्श , बिल्ली का औसत जीवन वर्ष 21 वर्ष , गाय का 16 वर्ष , घोडे का 62 वर्ष होता है
618 इण्डोल ऐसीटिक अम्ल ऑक्सीन होता है।
619 एडि्रनल ग्रनिथ को आपातकालीन ग्रन्थि भी कहते है।
620 सोमेटोट्रोफिक हार्मोन पीयूष ग्रन्थि द्वारा स्त्रावित होते है।
621 टेस्टोस्टीरोन हार्मोन वृषण ग्रन्थि द्वारा स्त्रावित होता है
622 एस्ट्रोजन हार्मोन डिम्ब ग्रन्थि द्वारा स्त्रावित होता है।
623 थायराक्सीन ग्रन्थि थायराइड ग्रनिथ द्वारा स्त्रावित होता है।
624 मानव भ्रूण हदय अपने परिवर्धन के चतुर्थ सप्ताह में स्पन्दन करने लगता है।
625 परखनली शिशु का परिवर्धन परखनली के अन्दर ही होता है।
626 खुजलाने से खाज मिटती है।क्योकि इससे कुछ तनित्रकाऐं उददीप्त होती है जो मष्तिश्क को प्रतिहिस्टामिनी रसायनों का उत्पादन बढाने का निर्देष देती है।
627 मनुष्य के आँख में प्रकाश तरंगें अक्ष पटल पर स्नायु उद्वेगों में परिवर्तित होती है।
628 जन्तु विज्ञान में जीवित व मृत जानवारों का अध्ययन करते है।
629 दृशिट पटल (रेटिना) पर जो चित्र बनता है वह वस्तु से छोटा व उल्टा होता है।
630 मनुष्य आद्र्रता व गर्मी में परेशानी महसूस करता है। इसका कारण है। कि पसीना आद्रर्ता के कारण वाष्पित नही होता हैं।

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