481 स्पर्श करने पर छुर्इमुर्इ पौधे की पत्तियाँ मुरझा जाती है क्योकि पर्णाधार का स्फीति दाब बदल जाता है
482 पौधे नाइट्रोजन को नाइट्राइट के रूप में ग्रहण करते है।
483 गर्भ में बच्चे का लिंग निर्धारण पिता के गुणसूत्रों के द्वारा किया जाता है।
484 प्रकाश संष्लेशण प्रक्रिया का प्रथम चरण सूर्य के प्रकाश द्वारा पर्णहरिम का उत्तेजन हेाता है।
485 जल के अणुओं के लिए कोशिका भितितयों का आकर्षण बल अधिशोषण कहलाता है।
486 हमारी जीभ का वह भाग जो मीठा स्वाद बताता है वह अग्रभाग होता है।
487 भूमि में मैग्नीशियम तथा लोहे की कमी पौधे में हरिमहीनता का कारण है।
488 केले बीजरहित होते है क्योकि ये त्रिगुणित होते है।
489 वाश्पोत्र्सजन पोटोमीटर से मापा जाता है।
490 अन्त:पोषण के कारण जल में रखने पर बीज फूल जाते है।
491 प्रकाश तथा अन्धकार दोनों में केवल हरिमहीन कोशिकाओं में श्वसन होता है।
492 कार्क के बाहर विलग परत का बनना शरद ऋतु में शाखाओं से पत्तियाँ गिरने का कारण है।
493 यदि किसी पुष्प में चमकदार रंग , सुगन्ध तथा मरकन्द होते है, तो कीट परागित होता है।
494 वाहिनिकाएँ, वाहिकाएँ काष्ठ तन्तु तथा मृदूतक जाइलम में पाये जाते है।
495 व्हेल केवल बच्चे देते हैै।
496 गर्भाशय में विकसित हो रहे भ्रूण को प्लेसेण्टा द्वारा पोषण मिलता है।
497 एक निशेचित अण्डे का दो खण्डों में विभाजन हो, तथा दोनों भाग अलग हो जाएँ तो समान जुडवा बच्चे पैदा होते है।
498 वृक्क जब काम करना बन्द कर देता है, तो मनुष्य के रूधिर में से डायलिसिस द्वारा विषाक्त तत्वों को पृथक किया जाता है।
499 वृक्कों में मूत्र के निर्माण में केशिका-गुच्छीय फिल्टरन , पुन: अवषोशण तथा नलिका स्त्रावण क्रिया का क्रम उचित है।
500 हाइड्रोपोनिक्स बिना मिटटी की खेती से सम्बनिधत है।
501 एपोमिकिसस का अर्थ बिना लिंगी जनन हुए भ्रूण का निर्माण है।
502 अदरक राइजोम है।
503 हम सेलुलोज को नही पचा सकते है लेकिन गाय पचा सकती है क्योकि गायों की आहारनली में ऐसे जीवाणु होते है। जो सेलुलोज को पचा सकते है।
504 किसी जन्तु द्वारा भोजन ग्रहण करने की क्रिया को अन्तग्र्रहण कहते है।
505 कीटपक्षी पौधे कीडों को खाते है क्योकि वे जिस मिटटी में उगते है, उसमें नाइट्रोजन की कमी होती है।
506 अधिपादप (एपीफाइट) ऐसे पौधे है जो केवल आश्रय के लिए अन्य पौधेा पर निर्भर करते है।
507 माइकोप्लाज्मा सबसे सूक्ष्म स्वतन्त्र रूप से रहने वाला जीव है।
508 हरित लवक, माइटोकोणिड्रया , केन्द्रक पादप कोशिका में डी0एन0ए0 होता है।
509 सीखना व याद रखना सेरीब्रम से सम्बनिध है।
510 फीताकृमि अनाक्सी - ष्वसन करता है।

Post a Comment

Blogger

Your Comment Will be Show after Approval , Thanks

Ads

 
[X]

Subscribe for our all latest News and Updates

Enter your email address: