• माइटोकाण्ड्रिया कोशिका के अंदर होने वाले आक्सी श्वसन का केंद्र है | यहां मुख्यत: कार्बोहाइड्रेट तथा वसा के आक्सीकरण द्वारा ऊर्जा उत्पन्न होती है | इसी कारण इसे कोशिका का ऊर्जा गृह कहते हैं |
  • हरित लवक: यह हरे रंग का होता है क्योंकि इसके अंदर एक हरे रंग का पदार्थ पर्णहरित होता है जिसे क्लोरोफिल भी कहते हैं |इसकी सहायता से पौधा प्रकाश संश्लेषण करता है और भोजन बनाता है | इसलिए हरित लवक को पादप कोशिका की रसोई कहते हैं |
  • पत्तियों का रंग पीला उसमें कैरोटिन के निर्माण होने के कारण होता है |
  • अवर्णी लवक: यह रंगहीन लवक है | यह पौधै के उन भागों की कोशिकाओं में पाया जाता है जो सूर्य के प्रकाश से वंचित हैं | जैसे : जडों, भूमिगत तनों आदि में |यह भोज्य पदार्थों को संग्रह करने वाला लवक है |
  • वर्णी लवक: ये रंगीन लवक होते हैं | जो प्राय: लाल, पीले एवं नारंगी रंग के होते हैं | ये पौधै के रंगीन भाग जैसे पुष्प आदि में पाये जाते हैं | वर्णी लवक के उदाहरण :टमाटर मे लाइकोपेन, गाजर मे कैरोटीन, चुकंदर मे विटानीन |
  • हरे टमाटर व मिर्चा पकने पर लाल हो जाते हैं, ऐसा क्लोरोप्लास्ट का क्रोमोप्लास्ट में परिवर्तन होने के कारण होता है |
  • आलू का जो भाग मिट्टी की सतह पर होता है वह हरा हो जाता है, क्योंकि आलू मे उपस्थित ल्युकोप्लास्ट क्लोरोप्लास्ट मे परिवर्तित हो जाता है |
  • क्लोरोप्लास्ट लवक केवल प्रकाश संश्लेषी पौधों में पाया जाता है | पर्णहरिम की परतें सूर्य के प्रकाश को अवशोषित कर इस ऊर्जा का उपयोग जल के अणुओं को तोड कर उनसे हाइड्रोजन एवं आक्सीजन अलग –अलग करने में किया जाता है | जल से प्राप्त हाइड्रोजन ही कार्बन डाई आक्साइड के साथ मिल कर भोजन बनाने का कार्य करती है |
  • प्रत्येक जाति के जीवधारियों मे सभी कोशिकाओं के केंद्रक में गुणसूत्र की संख्या निश्चित होती है | उदाहरण : मानव में 23 जोडा, चिम्पाजी मे 24 जोडा, तथा बंदर में 21 जोडा |
  • DNA सभी आनुवांशिक क्रियाओं का संचालन करता है | जीन इसकी इकाई है | यह प्रोटीन संश्लेषण को नियंत्रित करता है |यह मुख्यत: केंद्रक में पाया जाता है |
  • DNA से RNA का संश्लेषण होता है | यह केंद्रक एवं कोशिका द्रव्य दोनों मे पाया जाता है |
  • RNA आनुवांशिक सूचना वाहक है |
  • DNA कोशिकाओं की समस्त जैविक क्रियाओं को नियंत्रित करता है |
  • RNA का मुख्य कार्य प्रोटीन का संश्लेषण करना होता है |
  • कोशिका का ईंधन कार्बोहाइड्रेड (ग्लूकोज) को कहते हैं |
  • माइटोकांड्रिया मे ऊर्जा ए.टी.पी. के रूप मे बनती है |
  • गुण सूत्र की रचना डी.एन.ए. तथा प्रोटीन से होती है |
  • प्रत्येक जीवधारी की सूक्ष्मतम् इकाई कोशिका है |
  • जीवद्रव्य की रचना जल , अकार्बनिक तथा कार्बनिक पदार्थों द्वारा होती है |
जीव विज्ञान सामान्य ज्ञान 2
  • माइटोकांड्रिया का सम्बंध श्वसन से होता है |
  • पौधों मे जल का परिवहन जाइलम या दारू ऊतक द्वारा होता है |
  • फ्लोएम ऊतक का प्रमुख कार्य पौधों के हरे भागों मे निर्मित भोज्य पदार्थों को दूसरे भागों मे वितरित करना होता है |
  • पादपों मे विभाज्योतक ऊतक की उपस्थिति के कारण ही वृद्धि की क्रिया निरंतर उनके जीवन भर होती रहती है,पौधों मे वृद्धि केवल कुछ निश्चित वृद्धि केंद्रों पर होती है, जो प्राय: मूल शीर्ष (जड का अग्र सिरा) तथा प्ररोह शीर्ष (तने या शाखाओं के अगले सिरे) पर होती है |
  • फ्लोएम ऊतक का प्रमुख कार्य पौधों के हरे भाग मे निर्मित भोज्य पदार्थ को दूसरे भागों मे वितरण करना होता है |
  • शरीर की समस्त ऐच्छिक तथा अनैच्छिक पेशियों का निर्माण पेशी ऊतकों से होता है | हृदय, फेफडे, आमाशय, आतें, वृक्क आदि का निर्माण भी पेशी ऊतकों से होता है |
  • तंत्रिका ऊतक ऐसी विशेष कोशिकाओं से बनते हैं जो शरीर में संवेदनों को अंगों से मस्तिष्क तक तथा मस्तिष्क से अंगों तक ले जाने का कार्य करती हैं |
  • अस्थि एक सुदृढ सन्योजी ऊतक है |
  • हृदय पेशियां अरेखित पेशियां हैं एवं अनैच्छिक हैं |
  • रेखित पेशियों का कार्य ऐच्छिक पेशियों का संचालन करना होता है |
  • संदेश संवहन की मूल इकाई तंत्रिका कोशिका है |

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