परिचय
आकर्षण का केंद्र
आगरा का ताजमहल
शाहजहाँ की प्रिय बेगम मुमताज महल का मकबरा आगरे का ताजमहल, विश्व की सबसे प्रसिद्ध इमारतों में से एक है। और आगरा की तीन विश्व सांस्कृतिक धरोहरों में से एक है। अन्य दो धरोहर आगरा किला और फतेहपुर सीकरी हैं।यह विश्व के नये 7 अजूबों में से एक है .
यह मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था। पूरे श्वेत संगमर्मर में तराशा हुआ, यह भारत की ही नहीं विश्व की भी अत्युत्तम कृति है। यह स्मारक अर्थात २२ वर्ष में बन कर कम्पलीट हो गया . (1630-1652),इसको बनाने में 20 हजार मजदुर लगे थे . यह मुगल शैली के चार बाग के साथ स्थित है। फारसी वास्तुकार उस्ताद ईसा खां के दिशा निर्देश में इसे यमुना नदी के किनारे पर बनवाया गया. इसके मुख्य द्वार पर कुरआन की आयतें खुदी हुई हैं। उसके ऊपर बाइस छोटे गुम्बद हैं, जो कि इसके निर्माण के वर्षों की संख्या बताते हैं। ताज को एक लालबलुआ पत्थर के चबूतरे पर बने श्वेत संगमर्मर के चबूतरे पर बनाया गया है। ताज की सर्वाधिक सुंदरता, इसके इमारत के बराबर ऊँचे महान गुम्बद में बसी है। यह 60 फीट व्यास का, 80 फीट ऊँचा है। इसके नीचे ही मुमताज की कब्र है। इसके बराबर ही में शाहजहाँ की भी कब्र है। अंदरूनी क्षेत्र में रत्नों व बहुमूल्य पत्थरों का कार्य है। खुलने का समय : ६ प्रातः से ७:३० साँयः (शुक्रवार बन्द)
आगरा का किला
1666 में शिवाजी यहां पुरंदर संधि हेतु आये थे। यह किला मुगल स्थापत्य कला का एक जीवंत उदाहरण है।उनकी याद में एक बड़ी मूर्ति यहां स्थापित है।यह आगरा का एक अन्य विश्व धरोहर स्थल है आगरा का किला है . यह आगरा का एक प्रधान निर्माण है, जो शहर के बीचों बीच है। इसे कभी कभार लाल किला भी कहा जाता है। यह अकबर द्वारा 1565 में बनवाया गया था। बाद में शाहजहां द्वारा इस किले का पुनरोद्धार लाल बलुआ पत्थर से करवाया गया, व इसे किले से प्रासाद में बदला गया। इस किले की मुख्य इमारतों में मोती मस्जिद, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, जहाँगीर महल, खास महल, शीश महल एवं मुसम्मन बुर्ज आते हैं।
फतेहपुर सिकरी
अकबर जो मुगलो के सम्राट थे उन्होंने ही फतेहपुर सीकरी को बसाया था , और अपनी राजधानी भी स्थापित किये थे . बाद में पानी की कमी के कारन वापस लौट आये .यहां भी बुलंद दरवाजा, एक विश्व धरोहर स्थल है। बुलंद दरवाजा या 'उदात्त प्रवेश द्वार' मुगल सम्राट द्वारा बनाया गया था, बुलंद दरवाजा 52 कदम से संपर्क किया है। बुलंद दरवाजा 53.63 मीटर ऊँचे और 35 मीटर चौड़ा है। यह लाल और शौकीन बलुआ पत्थर से बना है.
आगरा में इन दार्शनिक स्थलों के अलावा और भी अन्य जगह है , जहा आप जा कर मुग़ल काल और अंग्रेजो के द्वारा छोटे व बड़े स्थलों को देख एवं उन्हें अनुभव कर सकते है .
- चीनी का रोजा
- जमा मस्जिद
- स्वामी बाग
- सिकंदरा
- महताब बाग
- पालीवाल पार्क
- मरियम मकबरा
आगरा कैसे पहुंचे ?
आगरा शहर प्रमुख शहर दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, हरिद्वार, देहरादून एवं जयपुर आदि शहरों से सीधे रेल एवम् सड़क मार्ग द्वारा चौबीसों घंटे जुड़ा हुआ है। दिल्ली-मुम्बई एवम् दिल्ली-चेन्नई के लिए मध्य-पश्चिम एवम् मध्य-दक्षिण रेलवे नेटवर्क है। दिल्ली से आगरा के लिये रा.राजमार्ग-2 है जिसकी दूरी 200 कि॰मी॰ है जो कि लगभग 4 घंटे में तय की जाती है।
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