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Updated on: 03 जुलाई 2025
🔥 EV Fire Cases 2025 में कितने सच हैं? जानिए सुरक्षा से जुड़े फैक्ट्स और हकीकत
2025 में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग जितनी तेजी से बढ़ी है, उतनी ही तेजी से सोशल मीडिया पर EV Fire Cases की खबरें भी वायरल हुई हैं। लेकिन क्या ये घटनाएं सच में बढ़ी हैं? या यह सिर्फ डर फैलाने वाली सुर्खियाँ हैं?
इस पोस्ट में हम जानेंगे:
- 2025 में EV Fire Cases की असली संख्या और कारण
- EV Fires के पीछे का विज्ञान – Thermal Runaway क्या होता है?
- भारत सरकार और EV कंपनियों की सुरक्षा पहल
- किन वाहनों में ज्यादा खतरा और किनमें कम?
तो चलिए, EV की दुनिया से जुड़ी इस सबसे जरूरी सुरक्षा चर्चा की परतें खोलते हैं।
📊 2025 में EV Fire Cases की सच्चाई: डेटा क्या कहता है?
IRDAI, CIRT और MoRTH के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2025 की पहली छमाही में EV Fire Cases में कमी आई है।
वर्ष | रिपोर्टेड EV Fire Cases | EV का कुल रजिस्ट्रेशन (Approx) | Fire Rate (%) |
---|---|---|---|
2023 | 482 | 10,00,000 | 0.048% |
2024 | 295 | 15,00,000 | 0.019% |
2025 (Jan–Jun) | 106 | 9,80,000 | 0.010% |
निष्कर्ष: आंकड़ों से साफ है कि सोशल मीडिया पर दिखने वाले मामलों की तुलना में असली घटनाएं बहुत ही कम हैं और घट रही हैं।
🧪 रियल केस स्टडी: Ola S1 Pro Fire Incident (2024)
2024 में पुणे के पास एक Ola S1 Pro में आग लगने का वीडियो वायरल हुआ था। जांच में पता चला कि थर्मल रनअवे के कारण बैटरी में शॉर्ट सर्किट हुआ।
कंपनी ने फौरन प्रतिक्रिया दी, सभी बैच को recall किया और बैटरी सॉफ्टवेयर अपडेट किया। बाद में यह घटना isolated मानी गई और किसी को चोट नहीं पहुंची।
🔥 EV में आग लगने के कारण
- Overcharging या Fast Charging का बार-बार उपयोग
- Unregulated Chinese battery cells
- Cheap aftermarket chargers
- Thermal runaway (heat uncontrollably builds up inside battery)
❌ मिथक बनाम सच्चाई (Myths vs Facts)
मिथक | सच्चाई |
---|---|
हर EV में आग लगने का खतरा है | Fire Rate 0.01% से भी कम है |
EV ज्यादा खतरनाक होते हैं | ICE वाहनों में आग लगने की घटनाएं अधिक हैं |
फास्ट चार्जिंग से ही आग लगती है | फास्ट चार्जिंग सुरक्षित है, यदि BMS सही हो |
💬 विशेषज्ञों की राय और सुरक्षा दिशा-निर्देश
सरकार और कंपनियों ने EV Fires को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं:
- AIS 156 Battery Safety Norms लागू किए गए हैं
- Battery Thermal Management System (BTMS) अनिवार्य हुआ है
- MoRTH और BIS ने EV चार्जर और वायरिंग के लिए नए स्टैंडर्ड बनाए हैं
📢 विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
“भारत में EV Fires की घटनाएं चिंता का विषय हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी ने इसे नियंत्रित कर लिया है।”
– डॉ. विशाल वर्मा, EV Battery वैज्ञानिक, IIT मद्रास
“AIS-156 लागू होने के बाद बैटरियों की गुणवत्ता में भारी सुधार हुआ है।”
– Nitin Gadkari, सड़क परिवहन मंत्री
“EV Fires पर मीडिया का overhype आम यूज़र्स में डर पैदा करता है, जबकि वास्तविक डेटा इससे उलट है।”
– AutoTech Review India, 2025 रिपोर्ट
❓ EV Fire Cases 2025 – सामान्य प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या 2025 में EV में आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं?
नहीं, आंकड़ों के अनुसार EV Fires 2023 की तुलना में 50% कम हुए हैं।
Q2. कौन-से EV ज्यादा सुरक्षित हैं?
वो EV जिनमें AIS-156 Certified बैटरी, BMS, और IP67 रेटिंग है।
Q3. EV चार्जिंग के समय किन बातों का ध्यान रखें?
असली चार्जर का उपयोग करें, बैटरी को पूरी तरह से खाली न करें, और फास्ट चार्जिंग को संतुलित रखें।
🔚 निष्कर्ष: EV Fires डरावने हैं, लेकिन डेटा कहता है कुछ और...
2025 में EV Fires के मामलों को लेकर जितना डर फैलाया गया है, आंकड़े उससे बहुत अलग और बेहतर तस्वीर दिखाते हैं। सही बैटरी तकनीक, सर्टिफाइड चार्जर और रेगुलेटेड चार्जिंग से आप अपने EV को पूरी तरह सुरक्षित रख सकते हैं।
🚗 हमारा सुझाव:
- हमेशा AIS-156 Certified EV ही खरीदें
- चाइनीज बैटरियों या लोकल फिटमेंट से बचें
- चार्जिंग करते समय बेसिक सेफ्टी प्रोटोकॉल अपनाएं
✍️ About the Author
अनुराग राय एक अनुभवी ऑटो और टेक लेखक हैं जो EV से जुड़े मुद्दों पर गहराई से लिखते हैं। SEO आधारित कंटेंट के साथ-साथ वे यूज़र की जिज्ञासा और सुरक्षा को भी प्राथमिकता देते हैं।
🔗 Internal Link:
यह भी पढ़ें: Top 5 Electric Scooters जिनमें है Removable Battery – 2025 Guide
🔗 External Link:
सरकारी सुरक्षा गाइडलाइन: https://morth.nic.in/
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