211 हृदय की मांसपेशियों को रक्त पहुंचाने वाली वाहिनी को कोरोनरी धमनी कहते हैं | इसी मे किसी प्रकार की रूकावट होने पर हृदयाघात होता है |
212 सामान्य अवस्था मे मनुष्य का हृदय एक मिनट मे 72 बार (भ्रूण अवस्था मे 150 बार) धडकता है तथा एक धडकन मे लगभग 70 मि.ली. रक्त पम्प करता है |
213 रूधिर मे उपस्थित कार्बन डाई आक्साइड रूधिर के PH को कम करके हृदय की गति को बढाता है, अर्थात अम्लीयता हृदय की गति को बढाती है तथा क्षारीयता हृदय की गति को कम करती है |
214 वृक्कों को रूधिर की आपूर्ति अन्य अंगों की तुलना मे बहुत अधिक होती है |
215 वृक्क का मुख्य कार्य उत्सर्जन करना होता है |
216 परजीवी जंतुओं को आहार पचाने की आवश्यकता नही होती क्योंकि वे पचा-पचाया भोजन अपने पोषक की आतों या अन्य स्थानों मे रहकर शोषित करते हैं | इस प्रकार के परजीवी का उदाहरण फीताकृमि है |
217 विटामिंस जटिल कार्बनिक पदार्थ होते हैं | इनकी थोडी सी मात्रा शरीर की उपापचयी क्रियाओं को नियंत्रित करती है
218 जल मे घुलनशील विटामिंस : B तथा C
219 वसा मे घुलनशील विटामिंस : A, D, E, K
220 विटामिनों का संश्लेषण हमारे शरीर की कोशिकाओं द्वारा नहीं हो सकता, इसकी पूर्ति विटामिंस युक्त भोजन से होती है | विटामिन D तथा K का संश्लेषण हमारे शरीर द्वारा होता है |
221 विटामिंस तथा इनकी कमी से होने वाले रोग :विटामिंस कमी से होने वाला रोग
विटामिन A रतौधी, संक्रमण रोगों का खतरा
विटामिन B1 बेरी-बेरी
विटामिन B2 त्वचा का फटना, आंख लाल होना, जीभ मे सूजन
विटामिन B3 बाल सफेद होना, मंद बुद्धि
विटामिन B6 रक्ताल्पता
विटामिन B7 लकवा, बालों का गिरना
विटामिन B12 एनीमिया, पीलिया
विटामिन C स्कर्वी, मसूडों का फूलना, भार मे कमी
विटामिन D रिकेट्स (बच्चों में), आस्टियोमलेशिया (वयस्कों में)
विटामिन E जनन शक्ति का कम होना
विटामिन K रक्त का थक्का न बनना |
222 फोलिक एसिड की कमी से एनीमिया रोग हो जाता है |
223 घेंघा रोग भोजन मे आयोडीन की कमी से होता है | इस रोग मे थाइरायड ग्रंथि के आकार मे वृद्धि हो जाती है |
224 कार्टेक्स के विकृत हो जाने पर उपापचयी प्रक्रमों में गडबडी उत्पन्न हो जाती है | इस रोग को एडीसन रोग कहते हैं |
225 कार्बोहाइड्रेट : कार्बन, हाइड्रोजन एवं आक्सीजन के 1:2:1 के अनुपात से मिलकर बने कार्बनिक पदार्थ कार्बोहाइड्रेट कहलाते हैं | शरीर की ऊर्जा की आवश्यकता की 50 से 75 प्रतिशत मात्रा की पूर्ति इन्ही पदार्थों द्वारा की जाती है |
226 एक ग्राम ग्लूकोज के पूर्ण आक्सीकरण से 4.2 किलो कैलोरी ऊर्जा उत्पन्न होती है |
227 प्रोटीन शारीरिक वृद्धि के लिए आवश्यक है | इसकी कमी से शारीरिक विकास रूक जाता है | बच्चों में इसकी कमी से क्वाशियोर्कर एवं मरस्मस रोग हो जाता है |
228 क्वाशियोर्कर रोग में बच्चों का हाथ-पांव दुबला-पतला हो जाता है एवं पेट बाहर की ओर निकल जाता है |
229 मरस्मस रोग मे बच्चों की मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं |
230 वसा सामान्यतया 20’C पर ठोस अवस्था मे होते हैं, परंतु यदि वे इस ताप पर द्रव अवस्था में हो तो उन्हे तेल कहते हैं
231 शरीर मे वसा का संश्लेषण माइटोकांड्रिया मे होता है |
232 वसा शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है तथा शरीर के विभिन्न अंगों को चोटों से बचाती है |वसा की कमी से त्वचा रूखी हो जाती है, वजन मे कमी आती है एवं शरीर का विकास रूक जाता है |
233 वसा की अधिकता से शरीर स्थूल हो जाता है, हृदय की बीमारी हो जाता है एवं रक्त चाप बढ जाता है |
234 कैल्सियम : यह विटामिन के साथ मिलकर हड्डियों एवं दांतों को मजबूती प्रदान करता है |
235 फास्फोरस : यह कैल्सियम से सम्बद्ध होकर दातों तथा हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है |
236 लौह : लोहा लाल रूधिर कणिकाओं में हीमोग्लोविन के बनने के लिए तथा ऊतक मे आक्सीकरण के लिए आवश्यक है
237 आयोडीन : यह थाइराइड ग्रंथि द्वारा स्रावित हार्मोन के संश्लेषण के लिए आवश्यक है |
238 गर्भवती स्त्रीयों के लिए प्राय: कैल्शियम और आयरन की आवश्यकता होती है |
239 दूध को संतुलित आहार नही माना जाता क्योंकि इसमे आयरन एवं विटामिन सी की कमी होती है |
240 खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखने के लिए सोडियम बेंजोएट का प्रयोग किया जाता है |

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