241 विटामिन की खोज फंक ने किया |
242 लार मे मुख्य रूप से पाया जाने वाला एंजाइम टायलिन है |
243 लार का PH मान 6.5 होता है तथा प्रकृति अम्लीय होती है |
244 दूध को फाडने या थक्का बनाने का कार्य रेनिन करता है |
245 रूधिर मे शर्करा की मात्रा को इंसुलिन नियंत्रित करता है |
246 मानव शरीर मे सामान्य रक्त दाब 120/80 होता है |
247 WBC का मुख्य कार्य शरीर को रोगों के संक्रमण से बचाना होता है |
248 RBC का मुख्य कार्य शरीर की हर कोशिका मे आक्सीजन को पहुंचाना होता है |
249 WBC का निर्माण तथा RBC का विनाश प्लीहा मे होता है |
250 लाल रक्त कणिकाओं का कब्रगाह प्लीहा को कहते हैं |
251 रक्त के शुद्धिकरण का कार्य फेफडा करता है |
252 शुद्ध जल का PH मान 7.0 तथा समुद्री जल का PH मान 8.4 और दूध का PH मान 6.4 होता है |
253 बैक्टिरिया की खोज ल्यूवेन हाक ने की |
254 शरीर का सबसे कठोर तत्व एनामिल (दातों के ऊपर) होता है |
255 आखों मे बाहर से पडने वाले प्रकाश को आइरिस नियंत्रित करता है |
256 शरीर मे कोलोस्ट्राल की अधिकता के कारण हृदयाघात होता है |
257 इंसुलिन की कमी से डायबिटिज रोग होता है |
258 हल्का कार्य करने वाले पुरूष को 2000कैलोरी, 8 घण्टा कार्य करने वाले पुरूष को 3000 कैलोरी एवं कठिन परिश्रम करने वाले पुरूष को 3600 कैलोरी भोजन की आवश्यकता होती है |
259 विषाणु (Virus) अथवा परजीवि (Protozoa) को सजीव एवं निर्जिव के बीच की कडी कहते है | विषाणु को महीन चूर्ण के रूप मे शीशी मे बंद करके असीमित समय तक रखा जा सकता है |
260 विषाणु निर्जीव होते हैं | विषाणु कोशिकाओं मे द्विगुणन करते हैं |
261 विषाणु का संघटन RNA अथवा DNA तथा प्रोटीन से होता है |
262 स्वतंत्र विषाणु पोषण, श्वसन, वृद्धि एवं विखण्डन नही करते |
263 विषाणुओं द्वारा उत्पन्न होने वाले कुछ रोग हैं- जुकाम, इंफ्लुएंजा, खसरा, पोलियो, चेचक, पीलिया, एड्स, रेबीज, मलेरिया, पायरिया, पेचिश, काला-जार आदि |
264 तम्बाकू का मोजैक रोग विषाणु द्वारा होता है |
265 अब तक ज्ञात एक-कोशकीय जीवधारीयों मे जीवाणु (Bacteria) सरलतम जीवधारी है |
266 जैव पदार्थों का सडना तथा क्षय होना,प्रकृति मे जीवाणुओं का महत्वपूर्ण कार्य है |
267 कुछ विशेष प्रकार के जीवाणु दलहनी पौधों की जडों मे स्थित छोटी-छोटी गाठों मे पाये जाते हैं , ये जीवाणु वायु से नाइट्रोजन ले कर उसे जल मे विलेय नाइट्रेट लवणों मे परिवर्तित कर देते हैं |
268 घरों मे दूध मे उपस्थित शर्करा को कैक्टिन एसिड मे बदल कर दही बनाने के लिए भी जीवाणुओं का उपयोग किया जाता है |
269 दूध का फटना, मक्खन से दुर्गंध आना, डिबा मे बंद या खुली सामाग्री का सडना, अचार, मुरब्बा आदि का खराब होना आदि जीवाणु जनित क्रियायें होती हैं |
270 नीबू का कैंकर रोग, आलू का स्कैब, सेब एवं नाशपाती की अंगमारी, तम्बाकू का विल्ट आदि जीवाणु जनित रोग हैं |

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