ट्रिक-
“राजा
महाराजा आजा
वेश्या
सबका काल है
पटाओ
मत आशिक
कुवर
जी कंगाल है”
प्रथम
बौद्ध संगीति - 483 ई. पू.- राजगृह (राजा)- महाकश्यप (महाराज)
द्वितीय
बौद्ध संगीति - 383 ई. पू. - बैशाली (वेश्या) - स्वकामी (सबका)
तृतीय
बौद्ध संगीति - 255 ई. पू.- पाटलिपुत्र(पटाओ) - मोगलीपूततिस्म(मत)
चतुर्थ
बौद्ध संगीति - 1 ई. - कुंडल वन(कुवर) - वसुमित्र जी (जी)
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