
Updated On : 02-10-2025
Bayes Theorem: डेटा से बदलते विश्वास की ज्योमेट्री
परिचय: बदलते विश्वास का गणित
संभाव्यता (Probability) सिर्फ सिक्का उछालने की कहानी नहीं है। Bayes theorem हमें बताती है कि नए डेटा मिलने पर हम अपने विश्वास (belief) को कैसे अपडेट करें। यह नियम conditional probability की नींव पर टिका है और आधुनिक machine learning, डेटा साइंस, यहाँ तक कि मेडिकल टेस्टिंग तक हर जगह मौजूद है।
इतिहास और नामकरण
बेयस प्रमेय का नाम 18वीं सदी के गणितज्ञ Thomas Bayes के नाम पर पड़ा। उनका विचार था कि हम किसी घटना की prior probability को नए प्रमाण (evidence) के साथ अपडेट कर सकते हैं।
गणितीय रूप (Mathematical Form)
Bayes rule का मूल समीकरण है:
P(A|B) = [ P(B|A) × P(A) ] / P(B)
यहाँ P(A|B) मतलब घटना A की संभावना जब B घटित हो चुका हो। P(A) को Prior, P(B|A) को Likelihood और P(A|B) को Posterior कहते हैं।
ज्योमेट्रिक व्याख्या
Bayes theorem को ज्योमेट्रिक तरीके से समझने के लिए हम sample space को एक rectangle मान सकते हैं। इसे छोटे-छोटे क्षेत्रों (regions) में विभाजित कर conditional probability को area ratio के रूप में देखा जा सकता है। यह visualization हमें दिखाता है कि कैसे evidence B के आधार पर हम A के हिस्से को दोबारा मापते हैं।
उदाहरण
1. मेडिकल टेस्टिंग
मान लीजिए किसी बीमारी की population में prevalence 1% है। टेस्ट 95% accurate है। अगर रिपोर्ट पॉज़िटिव आती है तो P(Disease | Positive) निकालने के लिए Bayes rule का उपयोग करें।
2. Machine Learning में Spam Filter
Email spam filter हर incoming email के लिए शब्दों की Likelihood गिनता है और Bayes theorem से तय करता है कि email spam है या नहीं।
3. GATE/NET Examination Example
प्रश्न: अगर किसी question bank में आसान प्रश्न 60% हैं और hard question मिलने पर आप hint लेते हैं, तो updated probability निकालें।
AI/ML में उपयोग
Naïve Bayes classifier supervised learning में एक basic लेकिन शक्तिशाली algorithm है। यह features को independent मानते हुए posterior probability calculate करता है। यह text classification, sentiment analysis, और medical diagnosis में खूब इस्तेमाल होता है।
दार्शनिक पहलू और Changing Belief
Bayesian reasoning केवल गणित नहीं है; यह मनोविज्ञान, दर्शन और decision making में भी उपयोगी है। जब नया evidence मिलता है तो हमारा belief system बदलता है— यह जीवन के अनेक निर्णयों में लागू होता है, चाहे वह निवेश का निर्णय हो या व्यक्तिगत रिश्तों का।
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