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ट्रेड डिस्काउंट और कैश डिस्काउंट के बीच अंतर हिंदी में [Difference Between Trade Discount and Cash Discount In Hindi]

व्यापार छूट और नकद छूट दो प्रकार की छूट हैं जिनका उपयोग व्यवसाय ग्राहकों को प्रोत्साहित करने और बिक्री को सुविधाजनक बनाने के लिए करते हैं। ये छूट अलग-अलग उद्देश्यों की पूर्ति करती हैं और बिक्री प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में लागू की जाती हैं। इस लेख में, हम व्यापार छूट और नकद छूट के बीच अंतर, वित्त में उनके महत्व और व्यवसायों और ग्राहकों पर उनके प्रभाव का पता लगाएंगे।
  • व्यापार की छूट (Trade Discount):
व्यापार छूट, जिसे कार्यात्मक छूट या थोक छूट के रूप में भी जाना जाता है, निर्माता या आपूर्तिकर्ता द्वारा खुदरा विक्रेता या थोक व्यापारी को प्रदान किए गए उत्पाद या सेवा की सूची मूल्य में कमी है। व्यापार छूट का उद्देश्य बड़ी मात्रा में खरीदारी को प्रोत्साहित करना, वफादारी को पुरस्कृत करना और खुदरा विक्रेता के लिए प्रतिस्पर्धात्मक लाभ पैदा करना है।
व्यापार छूट की प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं:
  1. बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) लेनदेन (Business-to-Business (B2B) Transactions): बिजनेस-टू-बिजनेस लेनदेन में व्यापार छूट आम है, जहां निर्माता थोक में सामान खरीदने के लिए खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं या वितरकों को छूट प्रदान करते हैं।
  2. वित्तीय विवरणों में प्रतिबिंबित नहीं (Not Reflected in Financial Statements): व्यापार छूट को वित्तीय विवरणों में दर्ज नहीं किया जाता है क्योंकि उन्हें राजस्व में कमी के बजाय मूल्य निर्धारण रणनीति का हिस्सा माना जाता है।
  3. प्रतिशत-आधारित (Percentage-Based): व्यापार छूट आमतौर पर सूची मूल्य के प्रतिशत के रूप में व्यक्त की जाती है। खरीद की मात्रा या निर्माता और खुदरा विक्रेता के बीच संबंध के आधार पर प्रतिशत भिन्न हो सकता है।
  4. बातचीत के आधार पर छूट (Negotiated Discount): व्यापार छूट की राशि विभिन्न कारकों, जैसे खरीद की मात्रा, अनुबंध की लंबाई और खुदरा विक्रेता की वफादारी के आधार पर निर्माता और खुदरा विक्रेता के बीच बातचीत के अधीन हो सकती है।
  5. थोक खरीद के लिए प्रोत्साहन (Incentive for Bulk Payment): व्यापार छूट का प्राथमिक उद्देश्य खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं को बड़ी मात्रा में सामान खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे निर्माता की बिक्री मात्रा में वृद्धि होती है।
  6. बिक्री से पहले लागू (Applied Before Sale): बिक्री से पहले व्यापार छूट लागू की जाती है, और शुद्ध राशि (छूट में कटौती के बाद) को खुदरा विक्रेता के लिए वास्तविक बिक्री मूल्य माना जाता है।
  7. अंतिम ग्राहक के लिए पारदर्शी (Transparent to the End Customer): व्यापार छूट आमतौर पर अंतिम ग्राहक को नहीं बताई जाती है, क्योंकि यह निर्माता और खुदरा विक्रेता के बीच एक संविदात्मक समझौता है।
  • नकद छूट (Cash Discount):
नकद छूट, जिसे शीघ्र भुगतान छूट या शीघ्र भुगतान छूट के रूप में भी जाना जाता है, विक्रेता द्वारा खरीदार को चालान का शीघ्र भुगतान करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में दी जाने वाली चालान कीमत में कमी है। नकद छूट का उद्देश्य नकदी प्रवाह में तेजी लाना, संग्रह अवधि को कम करना और विक्रेता के लिए खराब ऋण के जोखिम को कम करना है।
नकद छूट की प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं:
  1. व्यवसाय-से-ग्राहक (बी2सी) लेनदेन (Business-to-Customer (B2C) Transactions): व्यवसाय-से-ग्राहक लेनदेन में नकद छूट आम है, जहां विक्रेता चालान के शीघ्र भुगतान के लिए ग्राहकों को छूट प्रदान करते हैं।
  2. वित्तीय विवरण में दर्ज (Recorded in Financial Statements): नकद छूट वित्तीय विवरण में दर्ज की जाती है क्योंकि वे विक्रेता के लिए राजस्व में कमी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  3. समय-संवेदनशील (Time-Sensitive): नकद छूट समय-संवेदनशील होती है और आमतौर पर इसकी एक विशिष्ट समय सीमा होती है जिसके भीतर ग्राहक को छूट के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए भुगतान करना होगा। उदाहरण के लिए, "2/10, नेट 30" का अर्थ है कि यदि भुगतान 10 दिनों के भीतर किया जाता है तो ग्राहक 2% छूट ले सकता है; अन्यथा, पूरी राशि 30 दिनों में देय होगी।
  4. प्रतिशत-आधारित (Percentage-Based): नकद छूट आमतौर पर चालान राशि के प्रतिशत के रूप में व्यक्त की जाती है। विक्रेता की नकदी प्रवाह आवश्यकताओं और प्रस्तावित क्रेडिट शर्तों के आधार पर प्रतिशत भिन्न हो सकता है।
  5. समय पर भुगतान को प्रोत्साहित करता है (Encourages Timely Payments): नकद छूट का प्राथमिक उद्देश्य ग्राहकों को अपने चालान का तुरंत भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जो नकदी प्रवाह में सुधार और व्यापक खातों के प्राप्य प्रबंधन की आवश्यकता को कम करके विक्रेता को लाभान्वित करता है। GAAP और IFRS के बीच हिंदी में अंतर
  6. बिक्री के बाद लागू (Applied After Sale): ग्राहक के भुगतान के समय के आधार पर, बिक्री के बाद नकद छूट लागू की जाती है।
  7. अंतिम ग्राहक के लिए पारदर्शी (Transparent to the End Customer): नकद छूट के बारे में चालान या बिक्री अनुबंध पर ग्राहक को स्पष्ट रूप से सूचित किया जाता है, जिससे उन्हें जल्दी भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
Difference Between Trade Discount and Cash Discount In Hindi
व्यापार छूट और नकद छूट के बीच अंतर (Differences between Trade Discount and Cash Discount:):
  • उद्देश्य (Purpose):
व्यापार छूट और नकद छूट के बीच प्राथमिक अंतर उनके उद्देश्य में निहित है। निर्माताओं या आपूर्तिकर्ताओं द्वारा खुदरा विक्रेताओं या थोक विक्रेताओं को थोक खरीद के लिए प्रोत्साहन के रूप में और मजबूत व्यावसायिक संबंध बनाने के लिए व्यापार छूट की पेशकश की जाती है। दूसरी ओर, विक्रेताओं द्वारा ग्राहकों को चालान के शीघ्र भुगतान और नकदी प्रवाह में सुधार के लिए प्रोत्साहन के रूप में नकद छूट की पेशकश की जाती है।
  • आवेदन का समय (Timing of Application):
एक और महत्वपूर्ण अंतर छूट लागू करने का समय है। बिक्री से पहले व्यापार छूट लागू की जाती है, जिससे खुदरा विक्रेता या थोक व्यापारी के लिए सूची मूल्य कम हो जाता है। बिक्री के बाद ग्राहक के भुगतान के समय के आधार पर नकद छूट लागू की जाती है।
  • छूट का प्राप्तकर्ता (Recipient of the Discount):
व्यापार छूट आम तौर पर बी2बी लेनदेन में खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं या वितरकों को दी जाती है। बी2सी लेनदेन में अंतिम ग्राहकों को नकद छूट की पेशकश की जाती है।
  • वित्तीय विवरण उपचार (Financial Statement Treatment):
व्यापार छूट को वित्तीय विवरणों में दर्ज नहीं किया जाता है क्योंकि उन्हें मूल्य निर्धारण रणनीति का हिस्सा माना जाता है। हालाँकि, नकद छूट वित्तीय विवरणों में दर्ज की जाती है क्योंकि वे विक्रेता के लिए राजस्व में कमी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • ग्राहक के प्रति पारदर्शिता (Transparency to the Customer):
व्यापार छूट आमतौर पर अंतिम ग्राहक को नहीं बताई जाती है, क्योंकि वे निर्माता और खुदरा विक्रेता के बीच संविदात्मक समझौते का हिस्सा हैं। दूसरी ओर, नकद छूट, ग्राहक को चालान या बिक्री अनुबंध पर स्पष्ट रूप से सूचित की जाती है, जिससे शीघ्र भुगतान को प्रोत्साहित किया जाता है।
  • छूट की गणना (Calculation of the Discount):
खरीद की मात्रा और संबंध की लंबाई जैसे कारकों के आधार पर अक्सर निर्माता और खुदरा विक्रेता के बीच व्यापार छूट पर बातचीत की जाती है। नकद छूट आम तौर पर ग्राहक को दी गई क्रेडिट शर्तों के आधार पर विक्रेता द्वारा पूर्व-निर्धारित होती है।
  • लक्षित दर्शक (Target Audience):
व्यापार छूट खुदरा विक्रेताओं या थोक विक्रेताओं पर लक्षित होती है, जबकि नकद छूट अंतिम ग्राहकों पर लक्षित होती है ताकि समय पर भुगतान को प्रोत्साहित किया जा सके।
निष्कर्ष में, व्यापार छूट और नकद छूट दो अलग-अलग प्रकार की छूट हैं जिनका उपयोग व्यवसायों द्वारा ग्राहकों को प्रोत्साहित करने और बिक्री को सुविधाजनक बनाने के लिए किया जाता है। थोक खरीद के लिए प्रोत्साहन के रूप में बी2बी लेनदेन में खुदरा विक्रेताओं या थोक विक्रेताओं को व्यापार छूट की पेशकश की जाती है, जबकि शुरुआती भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए बी2सी लेनदेन में अंतिम ग्राहकों को नकद छूट की पेशकश की जाती है। व्यापार छूट बिक्री से पहले लागू की जाती है, जबकि नकद छूट बिक्री के बाद ग्राहक के भुगतान के समय के आधार पर लागू की जाती है। वित्तीय विवरणों में इन छूटों का उपचार भी भिन्न होता है, क्योंकि व्यापार छूट दर्ज नहीं की जाती है, जबकि नकद छूट दर्ज की जाती है। व्यवसायों के लिए अपनी बिक्री और क्रेडिट प्रबंधन रणनीतियों में इन प्रोत्साहनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए व्यापार छूट और नकद छूट के बीच अंतर को समझना महत्वपूर्ण है।

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