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Large Language Models in hindi

Updated On : 21-09-2025

बड़े भाषा मॉडल (LLM) कैसे काम करते हैं – आसान व्याख्या

आज के लोकप्रिय AI टूल जैसे ChatGPT, Gemini, Claude आदि बड़े भाषा मॉडल पर आधारित हैं।

लेकिन ये मॉडल वास्तव में कैसे काम करते हैं? इस लेख में हम Transformer आर्किटेक्चर, टोकनाइज़ेशन, प्रशिक्षण और इंफरेंस की पूरी प्रक्रिया को चरण-दर-चरण समझेंगे।

बड़ा भाषा मॉडल (LLM) क्या है?

LLM एक ऐसा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) मॉडल है जो बहुत बड़े पाठ (text) डेटा पर प्रशिक्षित होता है। “बड़ा” का अर्थ है कि इसमें अरबों (billions) पैरामीटर और विशाल प्रशिक्षण डेटा होता है।

LLM की मुख्य संरचना (Architecture)

टोकन और टोकनाइज़ेशन

किसी वाक्य को छोटे-छोटे भागों (tokens) में तोड़ने की प्रक्रिया को टोकनाइज़ेशन कहते हैं। उदाहरण: “नमस्ते दुनिया” → ["नम", "स्", "ते", "दु", "निया"]। मॉडल प्रत्येक टोकन का अर्थ समझकर अगला टोकन भविष्यवाणी करता है।

एम्बेडिंग और पोज़िशनल एनकोडिंग

हर टोकन को संख्यात्मक वेक्टर (embedding) में बदला जाता है। पोज़िशनल एनकोडिंग से मॉडल को शब्दों का क्रम समझने में मदद मिलती है।

Transformer और Self-Attention तंत्र

Transformer LLM का मुख्य भाग है। Self-Attention तंत्र हर टोकन को वाक्य के अन्य टोकनों के संदर्भ में विश्लेषित करता है, जिससे गहरी समझ विकसित होती है।

फीड-फॉरवर्ड लेयर और नॉर्मलाइज़ेशन

Attention के बाद डेटा कई परतों से होकर गुजरता है जो अंतिम प्रतिनिधित्व तैयार करता है।

LLM का प्रशिक्षण (Training)

प्री-ट्रेनिंग

मॉडल को अरबों वाक्यों पर अगला टोकन अनुमान लगाने या छुपे शब्द भरने (masked language modeling) से प्रशिक्षित किया जाता है।

फाइन-ट्यूनिंग और इंस्ट्रक्शन ट्यूनिंग

प्री-ट्रेन किए गए मॉडल को विशिष्ट कार्यों या निर्देशों का पालन करने के लिए दोबारा प्रशिक्षित किया जाता है।

अलाइनमेंट और RLHF

Human Feedback से मॉडल को सुरक्षित और सहायक उत्तर देने के लिए RLHF (Reinforcement Learning from Human Feedback) तकनीक से समायोजित किया जाता है।

नवीनतम प्रगति

आज के समय में GPT-4, Google Gemini और Meta LLaMA जैसे मॉडल बहुभाषी (multilingual) और मल्टीमॉडल (पाठ + चित्र) क्षमताएँ प्रदान करते हैं। शोधकर्ता अब छोटे लेकिन अधिक कुशल मॉडल (efficient LLMs) पर भी काम कर रहे हैं ताकि लागत कम की जा सके।

उदाहरण

  • ग्राहक सेवा: ई-कॉमर्स साइट पर 24x7 चैटबॉट।
  • स्वास्थ्य: डॉक्टरों के लिए मेडिकल रिपोर्ट सारांश।
  • शिक्षा: छात्रों को व्यक्तिगत अध्ययन सामग्री।

मान लीजिए आप एक बच्चे से कहानी सुन रहे हैं जो हर शब्द के बाद अगला शब्द अनुमान लगाता है। LLM इसी तरह काम करता है, फर्क सिर्फ इतना है कि यह अरबों वाक्यों का अनुभव रखता है।

इंफरेंस: पाठ निर्माण प्रक्रिया (Text Generation Process)

उपयोगकर्ता का इनपुट मिलने पर मॉडल एक-एक करके अगला टोकन उत्पन्न करता है और इसी तरह पूरा वाक्य तैयार होता है।

मजबूतियाँ और सीमाएँ

  • मजबूतियाँ: प्राकृतिक भाषा समझना, एक साथ कई कार्य करना।
  • सीमाएँ: पक्षपात (bias), गलत जानकारी देना (hallucination), उच्च कंप्यूट लागत।

उपयोग क्षेत्र

चैटबॉट, कोड निर्माण, सारांश बनाना, अनुवाद, सर्च इंजन, शिक्षा उपकरण आदि।

उदाहरण के लिए, OpenAI GPT-4 में लगभग 170 बिलियन पैरामीटर बताए जाते हैं और इसे प्रशिक्षित करने के लिए लाखों GPU घंटे की आवश्यकता होती है।

नैतिकता और सुरक्षा

पक्षपात कम करने, गोपनीयता बचाने और गलत उपयोग रोकने पर लगातार शोध चल रहा है। उपयोगकर्ता को AI द्वारा दिए गए उत्तरों की स्वयं जाँच करनी चाहिए।

संबंधित लेख: टोकनाइज़ेशन क्या है | Transformer बनाम RNN

मॉडलपैरामीटर (अनुमान)विशेषता
GPT-4≈170Bउच्च गुणवत्ता संवाद
Google Geminiअज्ञातमल्टीमॉडल क्षमताएँ
Meta LLaMA 370Bओपन-सोर्स उपलब्धता

अधिक पढ़ें: ArXiv शोध पत्र | IBM Think लेख

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्र1: LLM में “बड़ा” का क्या मतलब है?
उत्तर: मॉडल के पैरामीटर की संख्या अरबों में होती है।

प्र2: टोकनाइज़ेशन क्यों ज़रूरी है?
उत्तर: पाठ को छोटे भागों में तोड़कर मॉडल को प्रक्रिया समझने में सहायता मिलती है।

प्र3: RLHF क्या है?
उत्तर: Reinforcement Learning from Human Feedback – मानव प्रतिक्रिया से मॉडल को बेहतर और सुरक्षित बनाना।

📌 Further reading

🧑‍💻 About the Author

Anurag Rai एक टेक ब्लॉगर और नेटवर्किंग विशेषज्ञ हैं जो Accounting, AI, Game, इंटरनेट सुरक्षा और डिजिटल तकनीक पर गहराई से लिखते हैं।

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