एलएलसी बनाम इंक क्या है? हिंदी में [What is LLC vs Inc ? In Hindi]

एक नया व्यवसाय शुरू करते समय, उपयोग करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक कानूनी संरचना का प्रकार है। दो सामान्य विकल्प एलएलसी (सीमित देयता कंपनी) और इंक (निगम) हैं। जबकि दोनों लाभ और कमियां प्रदान करते हैं, एक सूचित निर्णय लेने के लिए दोनों के बीच के अंतरों को समझना महत्वपूर्ण है।

एलएलसी बनाम इंक: मुख्य अंतर [LLC Vs Inc : Key Difference]

  • स्वामित्व - ढाँचा (Ownership Structure): एलएलसी सदस्यों के स्वामित्व में हैं, जबकि निगमों का स्वामित्व शेयरधारकों के पास है। एलएलसी में असीमित संख्या में सदस्य हो सकते हैं, जबकि निगमों के पास सीमित संख्या में शेयरधारक हो सकते हैं। एक निगम में शेयरधारक निदेशक मंडल का चुनाव करते हैं जो निगम की ओर से निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
  • कानूनी देयता (Legal Liability): एलएलसी के प्रमुख लाभों में से एक यह है कि यह अपने सदस्यों को सीमित देयता सुरक्षा प्रदान करता है। इसका मतलब यह है कि यदि व्यवसाय पर मुकदमा चलाया जाता है या ऋण लिया जाता है, तो सदस्यों की व्यक्तिगत संपत्ति आम तौर पर सुरक्षित होती है। इसके विपरीत, निगम में शेयरधारक आम तौर पर निगम के ऋण या कानूनी मुद्दों के लिए उत्तरदायी नहीं होते हैं।
  • कर लगाना (Taxation): एलएलसी को कर उद्देश्यों के लिए पास-थ्रू संस्था माना जाता है, जिसका अर्थ है कि कंपनी के लाभ और हानि इसके सदस्यों को दी जाती है, जो उन्हें अपने व्यक्तिगत कर रिटर्न पर रिपोर्ट करते हैं। दूसरी ओर, निगमों पर कॉर्पोरेट स्तर और व्यक्तिगत स्तर दोनों पर कर लगाया जाता है। इसे दोहरे कराधान के रूप में जाना जाता है और इसके परिणामस्वरूप शेयरधारकों के लिए उच्च कर बिल हो सकते हैं।
  • प्रबंधन संरचना (Management Structure): एलएलसी आमतौर पर उनके सदस्यों या नामित प्रबंधकों द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं, जबकि निगमों को निदेशक मंडल और अधिकारियों द्वारा प्रबंधित किया जाता है। यह एलएलसी को निर्णय लेने और प्रबंधन के मामले में अधिक लचीला बना सकता है, क्योंकि इसमें आम तौर पर कम नौकरशाही शामिल होती है।
  • अनुदान (Funding): जब पूंजी जुटाने की बात आती है तो निगमों को फायदा होता है, क्योंकि वे निवेशकों को स्टॉक जारी कर सकते हैं। दूसरी ओर, एलएलसी के पास यह विकल्प नहीं है और उन्हें पूंजी जुटाने के लिए व्यक्तिगत धन, ऋण या साझेदारी पर निर्भर रहना चाहिए।
What is LLC vs Inc  In Hindi
एलएलसी बनाम इंक: आपके व्यवसाय के लिए कौन सा सही है?
एलएलसी और निगम के बीच चयन करना आपके व्यवसाय के आकार, आपके दीर्घकालिक लक्ष्यों और आपकी कर स्थिति सहित कई कारकों पर निर्भर करता है। यहाँ कुछ बातों को ध्यान में रखना है:
  1. देयता संरक्षण (Liability Tax): यदि आप अपनी व्यक्तिगत संपत्तियों की सुरक्षा के बारे में चिंतित हैं, तो एलएलसी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। हालाँकि, यदि आप महत्वपूर्ण ऋण लेने या संभावित कानूनी मुद्दों का सामना करने की योजना बना रहे हैं, तो एक निगम अधिक सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
  2. कराधान (Taxation): यदि आप एक सरल कर संरचना की तलाश कर रहे हैं और दोहरे कराधान से बचना चाहते हैं, तो एलएलसी जाने का रास्ता हो सकता है। हालाँकि, यदि आप व्यवसाय में मुनाफे को फिर से निवेश करने की योजना बना रहे हैं और अधिक जटिल टैक्स फाइलिंग से निपटने के इच्छुक हैं, तो निगम अधिक लाभ प्रदान कर सकता है।
  3. प्रबंधन (Management): यदि आप अपने व्यापार पर अधिक नियंत्रण चाहते हैं और निदेशक मंडल से निपटना नहीं चाहते हैं, तो एलएलसी बेहतर विकल्प हो सकता है। हालाँकि, यदि आप महत्वपूर्ण पूंजी जुटाने की योजना बना रहे हैं और अधिक औपचारिक प्रबंधन संरचना चाहते हैं, तो एक निगम बेहतर फिट हो सकता है।
  4. विकास क्षमता (Growth Potential): यदि आप अपने व्यवसाय का विस्तार करने और महत्वपूर्ण पूंजी जुटाने की योजना बना रहे हैं, तो निगम बेहतर विकल्प हो सकता है। हालांकि, यदि आप अपने व्यवसाय को छोटा और सरल रखने की योजना बना रहे हैं, तो एलएलसी अधिक लचीलापन और कम नौकरशाही की पेशकश कर सकता है।Capital Employed क्या है?
एलएलसी और निगम के बीच चयन करना आपकी व्यक्तिगत व्यावसायिक आवश्यकताओं और लक्ष्यों पर निर्भर करता है। दोनों लाभ और कमियां प्रदान करते हैं, और एक सूचित निर्णय लेने के लिए वकील या एकाउंटेंट से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। जबकि एलएलसी अधिक लचीलापन और सरलता प्रदान करते हैं, निगम अधिक देयता संरक्षण और विकास की संभावना प्रदान करते हैं। अंत में, निर्णय इस बात पर निर्भर करता है कि दीर्घकाल में आपके व्यवसाय के लिए सबसे अच्छा क्या है।

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